Monday, June 27, 2011

हेमंत फाउंडेशन एवं उर्दू मरक़ज़ के संयुक्त तत्त्वावधान में "आशिकाने हिंदी-उर्दू मंच" का प्रथम कार्यक्रम

हेमंत फाउंडेशन द्वारा स्थापित हिन्दी उर्दू मंच का उद्धघाटन
हेमंत फाउंडेशन तथा उर्दू मरकज़ द्वारा स्थापित हिन्दी उर्दू मंच का उद्घघाटन समारोह २५ जून संध्या ६ बजे उर्दू मरकज़ सभागार मे सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों का पुष्पगुच्छ सहित स्वागत सम्मान से हुआ। मंच की अध्यक्ष चर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव ने इन खूबसूरत पंक्तियों से मंच के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला- 'हिन्दी की एक बहन कि जो उर्दू ज़बान है/ वो इफ्तखारे कौम है भारत की शान है/ हिन्दी ने एकता के गुंचे खिलाए है/ उर्दू बहारे गुलशने हिन्दुस्तान है। उन्होंने कहा कि यह मंच दोनों भाषाओं की साहित्यिक एकता के लिये स्थापित किया गया है। आज का दिन साहित्य जगत की तारीख में दर्ज होगा। हम समय समय पर मुशायरा कवि सम्मेलन, सेमिनार, वर्कशाप आयोजित करेंगे साथ ही दोनों भाषाओं के साहित्यकारों की पुस्तकों का हिन्दी उर्दू में अनुवाद भी करायेंगे ताकि हम एक दूसरे के करीब आ सकें। संतोष जी ने अपनी गज़ल 'जिस्म से जान तक तू ही समाया लगता है' सुनाकर श्रोताओं का मन मुग्ध कर लिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. अब्दुल सत्तार दलवी ने कहा कि हेमंत फाउंडेशन तथा उर्दू मरकज़ ने हिन्दी उर्दू मंच की स्थापना कर प्रशंसनीय कार्य किया है। हिन्दुस्तान के माहौल के लिए यह ज़रूरी था। इससे दोनों ज़बानों के साहित्यकारों की हौसला अफ़जाई होगी, उनके ज़ज्बे की कद्र होगी।
उर्दू मरकज़ के अध्यक्ष जुबैर आज़मी ने कहा कि एक जमाना था कि जब छोटी-छोटी महफिलें नागपाड़ा-मदनपुरा इलाके में जुटा करतीं थीं जिसमें हिन्दी उर्दू की नामी हस्तियां कैफ़ी आज़मी, मज़रुह सुल्तानपुरी, कमलेश्वर, नारायण सुर्वे आदि शिरकत करते थे। आज उसी रिवायत को हम आगे बढ़ा रहे हैं और दूर तलक जाने का ज़ज्बा रखते हैं।
इस काव्य गज़ल संध्या में उर्दू के शायर रियाज़ मुन्सिफ़, वकार आज़मी, रेखा रोशनी, शादाब सिद्दीकी, फारुक आशना, सैयद रियाज़, जमील मुर्सापुरी, सोहेल अख्तर, जुबैर आज़मी,रफ़ीक जाफ़र, अब्दुल अहद साज़, रायपुर से विशेष तौर पर इसी कार्यक्रम के लिये पधारीं छत्तीसगढ़ की उर्दू साहित्य अकादमी की सदर उज़्मा शेख ने अपनी गज़लें पढ़ीं वहीं मंच की कार्याध्यक्ष तथा शायरा सुमीता केशवा ने 'हद में रहने की बात करते हो' सुना कर वाह-वाही पाई। उर्दू के वरिष्ठ शायर दाऊद कश्मीरी ने रवीन्द्र नाथ टैगोर के शेर बांग्ला भाषा में सुनाये। हरि मृदुल, कैलाश सेंगर, आलोक भट्टाचार्य, शिल्पा सोनटक्के और अनीता रवि ने अपनी कविताओं से समा बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन आलोक भट्टाचार्य तथा आभार जुबैर आज़मी ने किया। इस कार्यक्रम में शायरों-अदीबों के साथ ही उर्दू-हिंदी के अनेक भाषा प्रेमियों ने शिरकत करी जिनमें से श्रीमती नादिरा मोटलेकर, गज़ाला आज़ाद, मुनव्वर आज़ाद, उर्दू मरक़ज़ के सक्रिय भागीदार श्री फ़रीद खान, इश्तियाक खान, श्री वसीम, लंतरानी मीडिया हाउस के प्रबंध निदेशक डॉ.रूपेश श्रीवास्तव, उर्दू वेबसाइट लंतरानी डॉट कॉम की संपादिका श्रीमती मुनव्वर सुल्ताना आदि ने भी कार्यक्रम में उपस्थिति दर्शा कर कार्यक्रम को सफल व सुफल बनाया। कार्यक्रम के सदर श्री अब्दुस्सत्तार दलवी ने रविन्द्र नाथ टैगोर तथा फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ से संबद्ध एक संयुक्त कार्यक्रम को मुंबई विश्वविद्यालय में कराने का भी विचार रखा जिस पर सभी ने सहर्ष एकस्वर में सहमति दी। कुल मिला कर इस दिशा में करे गये इस प्रकार के प्रथम कार्यक्रम के आगाज़ को देख कर उत्तम भविष्य का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। आयोजक गण बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम से संबद्ध झलकियों को टी.वी. पर ले जाने के लिये ई-टीवी उर्दू के जनाब मैनुद्दीन का भी सहयोग प्रशंसनीय है। इस कार्यक्रम की उर्दू में रिपोर्त www.lantrani.com पर भी नस्तालिक लिपि में प्रकाशित है।
कार्यक्रम की बयानी तस्वीरों की जुबानी

कार्यक्रम का प्रारंभ करते सूत्रधार वरिष्ठ कवि-पत्रकार श्री आलोक भट्टाचार्य जीकार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. श्री अब्दुस्सत्तार दलवी को पुष्पगुच्छ देते लंतरानी मीडिया हाउस के प्रबंध निदेशक डॉ.रूपेश श्रीवास्तव
बांए से दांए - उर्दू मरक़ज़ के निदेशक श्री ज़ुबैर आज़मी, डॉ.अब्दुस्सत्तार दलवी, वरिष्ठ कवि-शायर श्री अब्दुल अहद साज़, भाषाविदुषी-कवियत्री श्रीमती शिल्पा सोनटक्के
हेमंत फाउंडेशन की प्रबंध न्यासी वरिष्ठ कवियत्री-लेखिका-पत्रकार श्रीमती संतोष श्रीवास्तव को पुष्पगुच्छ देते हुए उर्दू वेबसाइट लंतरानी डॉट कॉम की संपादिका श्रीमती मुनव्वर सुल्ताना
श्री ज़ुबैर आज़मी को पुष्पगुच्छ देते हुए कवियत्री श्रीमती अनीता रवि
हेमंत फाउंडेशन की कार्याध्यक्ष श्रीमती सुमीता केशवा को पुष्पगुच्छ से सम्मानित करते हुए श्रीमती शिल्पा सोनटक्के


डॉ.श्री अब्दुस्सत्तार दलवी ने वरिष्ठ शायर श्री रफ़ी जाफ़र को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित करा
संबोधन करते हुए श्रीमती संतोष श्रीवास्तव

कवियत्री अनीता रवि ने पुष्पगुच्छ देकर वरिष्ठ साहित्यकार-कवि श्री दाउद काश्मीरी को सम्मानित करा
ई-टीवी उर्दू के कैमरामैन लगातार कार्यक्रम का छायांकन करते हुए


काव्यपाठ करते वरिष्ठ हिंदी कवि श्री हरि मृदुल

काव्यपाठ करते श्री रियाज़ मुंसिफ़
काव्यपाठ करते हुए भाषाविदुषी कवियत्री श्रीमती शिल्पा सोनटक्के और काव्यरस लेते श्री रफ़ी जाफ़र

बांए से दांए-फ़ारसी की विदुषी श्रीमती नादिरा मोटलेकर,श्रीमती मुनव्वर सुल्ताना, श्रीमती गज़ाला आज़ाद, श्री मुनव्वर आज़ाद एवं दिल्ली व देहरादून से पधारे अतिथिगण
काव्यपाठ करते हुए श्रीमती शादाब सिद्दीक़ी साथ में हेमंत फाउंडेशन की कार्याध्यक्ष श्रीमती सुमीता केशवा

काव्यपाठ करते हुए श्रीमती अनीता रवि
काव्यपाठ करते वरिष्ठ शायर श्री फ़ारुख आशना


पूरे तरन्नुम में काव्यपाठ करती श्रीमती सुमीता केशवा
श्रीमती संतोष श्रीवास्तव ने श्रीमती उज़मा शेख को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित करा
काव्यपाठ करते श्री वक़ार आज़मी



काव्यपाठ करते हुए श्रीमती रेखा किंगर "रोशनी"

काव्यपाठ करते वरिष्ठ कवि पत्रकार श्री कैलाश सेंगर
काव्यपाठ करते वरिष्ठ शायर श्री अब्दुल अहद साज़ जो कि हृदय की शल्यक्रिया होने के बाद पूर्ण स्वस्थ न होने के बावजूद भी साहित्यानुरागवश कार्यक्रम में पधारे



काव्यपाठ करते हुये श्री सैय्यद रियाज़
काव्यपाठ करते वरिष्ठ शायर श्री जमील मुर्सापुरी


संबोधित करते हुए बांग्ला के अशआर सुनाते श्री दाउद काश्मीरी

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